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पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार
श्री कृष्ण के प्रेमोद्गार
राग जंगला- ताल कहरवा
राधा! तेरे दर्शन को मैं उत्सुक रहता, नित्य अधीर। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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राग जंगला- ताल कहरवा
राधा! तेरे दर्शन को मैं उत्सुक रहता, नित्य अधीर। |