माधव! हौं तुम्हरे सँग जैहौं -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा माधव लीला माधुरी

Prev.png
राग काफी - ताल दीपचंदी


माधव! हौं तुम्हरे सँग जैहौं।
तुम्हरे बिना न इक पल रहिहौं, लोक-लाज कुलकानि नसैहौं॥
बरजी नहिं रहिहौं काहू की, जो बाँधहिं तौ बंधन खैहौं।
जड़ तनु तजिहौं, यह मम प्रिय सँग प्रानहिं अवसि पठैहौं॥
मिलिहौं जा‌इ तहाँ प्रीतम में, जिमि सागर बीच लहर समैहौं।
स्याम-बदन महँ स्याम रंग रचि, स्याम-रूप लहि अति सुख पैहौं॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः