चित्र:Krishna-Leela-3.jpg

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चित्र जानकारी
विवरण (Description) भगवान् का प्राकट्य
आभार (Credits) गीता प्रेस, गोरखपुर
अन्य विवरण माता देवकी के इस आठवें गर्भ के प्रसव का समय जैसे-जैसे समीप आ रहा था, वैसे-वैसे उनकी शोभा बढ़ती जा रही थी। उनका तेज देख कंस को भी विश्वास हो गया था कि यह गर्भ निश्चय ही उसका काल है। उसने कारागार पर पहरा और कड़ा कर दिया।



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दिनांक/समयअंगूठाकार प्रारूपआकारसदस्यटिप्पणी
सद्य12:47, 11 मार्च 201812:47, 11 मार्च 2018 के संस्करण का अंगूठाकार प्रारूप।491 × 800 (142 KB)गंगा (वार्ता | योगदान)
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