श्रीहित हरिवंश गोस्वामी:संप्रदाय और साहित्य -ललिताचरण गोस्वामी
साहित्य
श्री हित रूपलाल काल के अन्य प्रमुख वाणीकार
हम रस सिन्धु तरंग मनोरथ को करि सकै बखान। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पदों में लाड़िलीदास जी ने अपना नाम ‘निजदासी’ लिखा है।
संबंधित लेख
विषय | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज