टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ करिहो
- ↑ तुम बढ़ायौ
- ↑ तार्यो
- ↑ जन भक्त। भीर = संकट, कष्ट। द्रोपता = द्रौपदी। बाढ्यौ = बढ़ा दिया। रूपनर हरि = नृसिंहरूपी। सरीर = देह, अवतार। हिरणाकुश = हिरण्य कशिपु। मारि लीन्हौ = वध कर दिया। बूड़तो = डूबते हुए। राख्यौ = बचा लिया। पै = पर। सीर = सिर।
संबंधित लेख
क्रम संख्या | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज