सारिसृक्क का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत आदि पर्व के अनुसार ये एक शांगिक का नाम था, जो पक्षीरूपधारी मन्दपाल ऋषि के द्वारा जरिता के गर्भ से उत्पन्न हुआ था।
- अग्नि की स्तुति करने से खाण्डव वन दाह से अग्नि ने इसकी रक्षा की थी।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 519 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व 228.17; 231.3-11,21