प्राकृति महत अलंकार पाँच कर्मेन्द्रिय पाँच ज्ञानेन्द्रिय मन रूप रस गन्ध स्पर्श शब्द तेज (अग्नि) जल पृथ्वी वायु आकाश चक्षु कर्ण नासिका जिह्वा त्वचा वाक पाणि पाद पायु उपस्थ मलद्वार