सखियनि के सँग कुँवरि राधिका, बीनति कुसुमनि कलियाँ।
एक बहिकम एकहिं बानक, एक रूप गुन अलियाँ।।
सुंदर स्याम लाल के सोहत, करनि रँगीली डलियाँ।
एक अनूपम माल बनावति, भ्राजति कुंजनि गलियाँ।।
एक परस्पर बेनी गूँथति, मन भावति रँगरलियाँ।
'सूरदास' प्रभु सँग मिलि हरषित, प्यारी अंकम भरियाँ।।2620।।