श्री यमुने पिय को बस तुमजु कीने -परमानंददास

श्री यमुने सुखकारनी प्राण प्रतिके -परमानंददास

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श्री यमुने पिय को बस तुमजु कीने ।
प्रेम के फंद ते गहिजु राखे निकट ऐसे निर्मोल नग मोल लीने ॥1॥
तुमजु पठावत तहां अब धावत सदा, तिहारे रसरंग में रहत भीने ।
दास परमानन्द पाये अब ब्रजचन्द, परम उदार श्री यमुने जु दान दीने ॥2॥

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