श्रीकृष्ण बाल माधुरी

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श्रीकृष्ण बाल माधुरी -सूरदास

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श्रीकृष्ण बाल माधुरी -सूरदास
क्रम संख्या पद पद संख्या
1. आदि सनातन, हरि 1
2. बाल-बिनोद भावती 2
3. हरि-मुख देखि हो 3
4. गोकुल प्रगट भए 4
5. उठीं सीख सब मंगल 5
6. हौं इक नई बात सुनि 6
7. हौं सखि, नई चाह इक 7
8. ब्रज भयौ महर कैं पूत 8
9. आजु नंद के द्वारैं भीर 9
10. बहुत नारि सुहाग-सुंदरि और घोष 10
11. आजु बधायौ नंदराइ कैं 11
12. धनि-धनि नंद-जसोमति 12
13. सोभा-सिंधु न अंत रही री 13
14. आजु हो निसान बाजै 14
15. (माई) आजु हो बधायौ बाजै 15
16. आजु बधाई नंद कैं माईं 16
17. आजु गृह नंद महर कैं बधाइ 17
18. (माई) आजु तौ बधाइ बाजैं 18
19. कनक-रतन-मनि पालनौ, गढ़ौ काम 19
20. जसोदा हरि पालनैं झुलावै 20
21. पलना स्याम झुलावति जननी 21
22. पालनैं गोपाल झुलावैं 22
23. हालरौ हलरावै माता। बलि-बलि 23
24. कन्हैया हालरु रे 24
25. नैंकु गोपालहिं मोकौं दै री 25
26. कन्हैया हालरौ हलरोइ 26
27. कर पग गहि, अँगुठा मुख मेलत 27
28. चरन गहे अँगुठा मुख मेलत 28
29. जसुदा मदन गुपाल सोवावै 29
30. अजिर प्रभातहिं स्याम कौं, पलिका पौढ़ाए 30
31. हरषे नंद टेरत महरि 31
32. महरि मुदित उलटाइ कै मुख चूमन 32
33. जो सुख ब्रज मैं एक घरी 33
34. यह सुख सुनि हरषीं ब्रजनारी 34
35. जननी देखि, छबि बलि 35
36. जसुमति भाग-सुहागिनी 36
37. गोद लिए हरि कौं नँदरानी 37
38. नंद-घरनि आनँद भरी 38
39. नान्हरिया गोपाल लाल, 39
40. जसुमति मन अभिलाष करै 40
41. हरि किलकत जसुदा की 41
42. सुत-मुख देखि जसोदा फूली 42
43. हरि किलकत जसुमति की 43
44. जननी बलि जाइ हालरु 44
45. हरि कौ मुख माइ, मोहि 45
46. लालन, वारी या मुख ऊपर 46
47. आजु भोर तमचुर के रोल 47
48. खेलत नँद-आँगन गोबिंद 48
49. खीझत जात माखन 49
50. (माई) बिहरत गोपाल राइ 50
51. बाल बिनोद खरो 51
52. मैं बलि स्याम, मनोहन 52
53. किलकत कान्ह घुटुरुवनि 53
54. नंद-धाम खेलत हरि 54
55. धनि जसुमति बड़भागिनी 55
56. हरिकौ बिमल जस गावति 56
57. चलन चहत पाइनि गोपाल 57
58. सिखवति चलन जसोदा मैया 58
59. भावत हरि कौ बाल 59
60. सूच्छत चरन चलावत 60
61. बाल-बिनोद आँगन की 61
62. गहे अँगरिया ललन की 62
63. कान्ह चलत पग द्वै 63
64. चलत स्यामघन राजत, 64
65. भीतर तैं बाहर लौं आवत 65
66. चलत देखि जसुमति 66
67. सो बल कहा भयौ भगवान 67
68. देखो अद्भुत अबिगत की गति 68
69. साँवरे बलि-बलि बाल-गोबिंद 69
70. आनँद-प्रेम उमंगि जसोदा 70
71. हरि हरि हँसत मैरौ 71
72. झुनक स्याम की 72
73. चलत लाल पैजनि 73
74. मैं देख्यौं जसुदा कौ नंदन 74
75. जब तैं आँगन खेलत 75
76. जसोदा, तेरौ चिरजीवहु 76
77. मैं मोही तेरैं लाल री 77
78. कल बल कै हरि 78
79. जब दधि-मथनी 79
80. जब दधि-रिपु हरि 80
81. जब मोहन कर गही मथानी 81
82. नंद जू के बारे कान्ह, छाँड़ि दै 82
83. जसुमति दधि मथन करति 83
84. (एरी) आनँद सौं दधि मथति 84
85. त्यौं-त्यौं मोहन नाचै ज्यौं-ज्यौं 85
86. प्रात समय दधि मथति जसोदा 86
87. गोद खिलावति कान्ह सुनी 87
88. कहन लागे मोहन मैया-मैया 88
89. माखन खात हँसत किलकत हरि 89
90. बेद-कमल-मुख परसति जननी 90
91. सोभा मेरे स्यामहि पै सोहै 91
92. बाल गुपाल! खेलौ मेरे तात 92
93. पलना झूलौ मेरे लाल पियारे 93
94. क्रीड़त प्रात समय दोउ बीर 94
95. कनक-कटोरा प्रातहीं, दधि घृत 95
96. गोपालराइ दधि माँगत अरु 96
97. हरि-कर राजत माखन-रोटी 97
98. दोउ भैया मैया पै माँगत 98
99. तनक दै री माइ, माखन तनक 99
100. नैकु रहौ, माखन द्यौं 100
101. बातनिहीं सुत लाइ लियौ 101
102. दधि-सुत जामे नंद-दुवार। 102
103. कजरी कौ पय पियहु लाल 103
104. मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी 104
105. मैया, मोहि बड़ौ करि 105
106. हरि अपनै आँगन कछु 106
107. आजु सखी, हौं प्रात समय दधि 107
108. बलि-बलि जाउँ मधुर सुर 108
109. पाहुनी, कर दै तनक मह्यौ 109
110. मोहन, आउ तुम्हैं अन्हवाऊँ। 110
111. जसुमति जबहिं कह्यौ अन्हवावन 111
112. ठाढ़ी अजिर जसोदा अपनै 112
113. किहिं बिधि करि कान्हहि 113
114. (आछे मेरे) लाल हो 114
115. बार-बार जसुमति सुत बोधति 115
116. (मेरौ माई) ऐसौ हठी बाल गोबिंदा 116
117. मैया, मैं तौ चंद-खिलौना 117
118. मैया री मैं चंद लाहौंगौ 118
119. लै लै मोहन, चंदा लै 119
120. तुव मुख देखि डरत ससि भारी 120
121. जसुमति लै पलिका पौढऋावति। मरौ। 121
122. सुनि सुत, एक कथा कहौं प्यारी 122
123. नाहिनै जगाइ सकत, सुनि 123
124. जागिए, व्रजराज-कुँवर 124
125. प्रात समय उठि, सोवत सुत 125
126. जागिए गोपाल लाल, आनँद-निधि 126
127. प्रात भयौ, जागौ गोपाल 127
128. जागौ, जागौ हो गोपाल 128
129. उठौ नँदलाल भयौ भिनुसार 129
130. तुम जागौ मेरे लाड़िले, गोकुल-सुखदाई 130
131. भोर भयौ जागौ नँद-नंद 131
132. कौन परी मेरे लालहि बानि 132
133. जागिये गुपाल लाल! ग्वाल 133
134. सो सुख नंद भाग्य तैं पायौ 134
135. खेलत स्याम ग्वालनि संग 135
136. सखा कहत हैं स्याम खिसाने 136
137. मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ 137
138. मोहन, मानि मनायौ मेरौ 138
139. खेलन अब मेरी जाइ बलैया 139
140. खेलन चलौ बाल गोबिंद! 140
141. खेलन कौं हरि दूरि गयौ री 141
142. खेलन दूरि जात कत कान्हा 142
143. दूरि खेलन जनि जाहु लला मेरे 143
144. जसुमति कान्हहि यहै सिखावति 144
145. नंद बुलावत हैं गोपाल 145
146. जेंवत कान्ह नंद इकटौरे 146
147. साँझ भई घर आवहु प्यारे 147
148. बल-मोहन दोउ करत बियारी 148
149. कीजै पान लला रे यह लै 149
150. बल-मोहन दोऊ अलसाने 150
151. माखन बाल गोपालहि भावै 151
152. भोर भयौ मेरे लाड़िले 152
153. भोर भयौ जागो नँदनंदन 153
154. न्हात नंद सुधि करी स्याम 154
155. कोउ माई बोलि लेहु गोपालहि 155
156. हरि कौं टेरति है नँदरानी 156
157. बोलि लेहु हलधर भैया कौं 157
158. हरि तब अपनी आँखि मुँदाई 158
159. पौढ़िऐ मैं रचि सेज बिछाई 159
160. खेलन जाहु बाल सब टेरत 160
161. खोलत बनैं घोष निकास 161
162. खेलत मैं को काको गुसैयाँ 162
163. आवहु, कान्ह, साँझ की बेरिया 163
164. आँगन मैं हरि सोइ गए री 164
165. ब्रज घर-घर बूझत नँद-राउर 165
166. पाँड़े नहिं भोग लगावन पावै 166
167. सफल जन्म, प्रभु आजु भयौ 167
168. अहो नाथ! जेइ-जेइ सरन आए 168
169. मया करिये कृपाल, प्रतिपाल 169
170. खेलत स्याम पौरि कैं बाहर 170
171. मोहन काहैं न उगिलौ माटी 171
172. मो देखत जसुमति तेरैं ढोटा 172
173. नंदहि कहति जसोदा रानी 173
174. कहत नंद समुमति सौं बात 174
175. देखौ री! जसुमति बौरानी 175
176. गोपाल राइ चरननि हौं काटी 176
177. मैया री, मोहि माखन भावै 177
178. गए स्याम तिहि ग्वालिनि 178
179. फूली फिरति ग्वालि मन मैं री 179
180. आजु सखी मनि-खंभ-निकट 180
181. प्रथम करी हरि माखन-चोरी 181
182. सखा सहित गए माखन-चोरी 182
183. चकित भई ग्वालिनि तन हेरौ 183
184. ब्रज घर-घर प्रगटी यह बात 184
185. चली ब्रज घर-घरनि यह बात 185
186. गोपालहि माखन खान दै 186
187. जसुदा कहँ लौं कीजै कानि 187
188. माई! हौं तकि लागि रही 188
189. आपु गए हरुएँ सूनैं घर 189
190. गोपाल दुरे हैं माखन खात 190
191. ग्वालिनि जौ घर देखै आइ 191
192. जौ तुम सुनहु सजोदा गोरी 192
193. देखी ग्वालि जमुना जात 193
194. महरि! तुम मानौ मेरी बात 194
195. साँवरेहि बरजति क्यौं जु नहीं 195
196. अब ये झूठहु बोलत लोग 196
197. मेरौ गोपाल तनक, सौ 197
198. कहै जानि ग्वारिनि! झूठी बात 198
199. मेरे लाड़िले हो! तुम जाउ 199
200. इन अँखियनि आगैं तैं मोहन 200
201. चोरी करत कान्ह धरि पाए 201
202. कत हो कान्ह! काहु कैं जात। 202
203. घर गोरस जनि जाहु पराए 203
204. (कान्ह कौं) ग्वालिनि! दोष 204
205. गए स्याम ग्वालिनि-घर सूनैं 205
206. ऐसो हाल मेरैं घर कीन्हौ 206
207. करत कान्ह ब्रज-घरनि 207
208. मेरौ माई! कौन कौ दधि चोरै। 208
209. अपनौं गाउँ लेउ नँदरानी 209
210. लोगनि कहत झुकति तू बौरी 210
211. महरि तैं बड़ी कृपन है माई 211
212. अनत सुत! गोरस कौ कत जात 212
213. हरि सब भाजन फोरि पराने 213
214. कन्हैया! तू नहिं मोहि डरात 214
215. सुनु री ग्वारि! कहौं इक बात 215
216. तेरैं लाल मैरौ माखन खायौ 216
217. अनत सुत! गोरस कौ कत जात 217
218. मैया मैं नहि माखन खायौ 218
219. तेरी सौं सुनु-सुनु मेरी मैया 219
220. हाँ लगि नैकु चलौ नँदरानी 220
221. सुनि-सुनि री तैं महरि जसोदा 221
222. नंद-घरनि! सुत भलौ पढ़ायौ 222
223. ऐसी रिस मैं जो धरि पाऊँ 223
224. जसुमति रिस करि-करि 224
225. जसोदा! एतौ कहा रिसानी 225
226. बाँधौं आजु, कौन तोहि छोरैं 226
227. जाहु चली अपनैं-अपनैं घर 227
228. जसुदा! तेरौं मुख हरि जोवै 228
229. देखौ माई! कान्ह हिलकियनि 229
230. (माई) नैकुहूँ न दरद करति 230
231. कुँवर जल लोचन भरि 231
232. हरि के बदन तन धौं चाहि 232
233. मुख-छबि देखि हो नँद-घरनि 233
234. मुख-छबि कहा कहौं बनाइ 234
235. हरि-मुख देखि हो नँद-नारि 235
236. कहौ तौ माखन ल्यावैं घर 236
237. कहन लागीं अब बढ़ि-बढ़ि बात 237
238. कहा भयौ जौ घर कैं लरिका 238
239. चित दै चितै तनय-मुख ओर 239
240. जसुदा! देखि सुत की ओर 240
241. चितै धौं कमल-नैन 241
242. देखि री देखि हरि बिलखात 242
243. कब के बाँधे ऊखल दाम 243
244. वारौं हौं वे कर जिन हरि 244
245. (जसोदा) तेरौ भलौ 245
246. देखि री नंद-नंदन ओर 246
247. तब तैं बाँधे ऊखल आनि 247
248. कान्ह सौ आवत क्योंऽब 248
249. जसुदा! यह न बूझि कौ 249
250. ऐसी रिस तोकौं नँदरानी 250
251. हलधर सौं कहि ग्वालि 251
252. यह सुनि कै हलधर तहँ 252
253. एतौ कियौ कहा रही मैया 253
254. काहे कौं कलह नाध्यौ 254
255. काहे कौं जसोदा मैया 255
256. जसुदा तोहिं बाँधि क्यौं 256
257. काहे कौं हरि इतनौ 257
258. सुनहु बात मेरी बलराम 258
259. कहा करौं हरि बहुत 259
260. जसोदा! कान्हहु तैं 260
261. जसोदा ऊखल बाँधे स्याम 261
262. निरखि स्याम हलधर 262
263. जसुमति, किहिं यह सीख 263
264. तबहिं स्याम इक बुद्धि उपाई 264
265. धनि गोबिंद जो गोकुल आए 265
266. मोहन! हौं तुम ऊपर वारी 266
267. अब घर काहू कैं जनि 267
268. ब्रज-जुबती स्यामहि उन लावतिं 268
269. मोहि कहतिं जुबती सब चोर 269
270. जसुमति कहति कान्ह मेरे प्यारे 270
271. धेनु दुहत हरि देखत ग्वालनि 271
272. मैं दुहिहौं मोहि दुहन 272
273. जागौ हो तुम नँद-कुमार 273
274. जागहु हो ब्रजराज हरी 274
275. जागहु लाल, ग्वाल सब टेरत 275
276. जननि जगावति, उठौ कन्हाई 276
277. दाऊ जू, कहि स्याम पुकारौ 277
278. जागहु-जागहु नंद-कुमार 278
279. तनक कनक की दोहनी 279
280. आजु मैं गाइ चरावन जेहौं 280
281. मैया! हौं गाइ चरावन जैहौं 281
282. चले सब गाइ चरावन ग्वाल 282
283. खेलत कान्ह चले ग्वालनि 283
284. बृंदाबन देख्यौ नँद-नंदन अतिहिं 284
285. बन तैं आवत धेनु चराए। 285
286. जसुमति दौरि लिए हरि 286
287. मैं अपनी सब गाई चरैहौं 287
288. बहुतै दुख हरि सोइ गयौ री 288
289. पौढ़े स्याम जननि गुन 289
290. करहु कलेऊ कान्ह पियारे 290
291. मैया री मोहि दाऊ टेरत 291
292. बोलि लियौ बलरामहि 292
293. अति आनंद भए हरि धाए 293
294. नंद महर के भावते, जागौ 294
295. लालहि जगाइ बलि गई 295
296. उठे नंद-लाल सुनत जननी 296
297. दोउ भैया जेंवत माँ आगैं 297
298. (द्वारैं) टेरत हैं सब ग्वाल 298
299. बन पहुँचत सुरभी लइँ 299
300. चले सब बृंदाबन समुहाइ 300
301. गैयनि घेरि सखा सब 301
302. चरावत बृंदाबन हरि धेनु 302
303. बृंदाबन मोकौं अति भावत 303
304. ग्वाल सखा कर जोरि 304
305. काँधे कान्ह कमरिया कारी 305
306. वै मुरली की टेर सुनावत 306
307. हरि आवत गाइनि के पाछे 307
308. आजु हरि धेनु चराए 308
309. आजु बने बन तैं ब्रज आवत 309
310. बल-मोहन बन तैं दोउ आए 310
311. मैया! हौं न चरैहौं गाइ 311
312. मैया! बहुत बुरौ बलदाऊ 312
313. तुम कम गाइ चरावन जात 313
314. माँगि लेहु जो भावै प्यारे 314
315. सुनि मैया, मैं तो पय पीवौं 315
316. आछौ दूध पियौ मेरे तात 316
317. ये दोऊ मेरे गाइ-चरैया। 317
318. सोवत नींद आइ गई स्यामहि 318
319. देखत नंद कान्ह अति सोवत 319
320. जागियै गोपाल लाल, प्रगट भई 320
321. हेरी देत चले सब बालक 321
322. चले बन धेनु चारह कान्ह 322
323. रुम चढ़ि काहे न टेरौ 323
324. जब सब गाइ भईं इक ठाई 324
325. अब कैं राखि लेहु गोपाल 325
326. देखौ री नँद-नंदन आवत 326
327. रजनी-मुख बन तैं बने आवत 327
328. दै री मैया दोहनी, दुहिहौं मैं गैया 328
329. बाबा मोकौं दुहन सिखायौ 329
330. जननि मथति दधि, दुहत कन्हाई 330
331. राखि लियौ ब्रज नंद-किसोर 331
332. देखौ माई! बदरनि की बरियाई 332
333. (तेरैं) भुजनि बहुत बल होइ 333
334. जयति नँदलाल जय जयति 334
335. जै गोबिंद माधव मुकुंद हरि 335
अंतिम पृष्ठ 375


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

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