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पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रेम तत्त्व एवं गोपी प्रेम का महत्त्व
राग वसंत - तीन ताल
शुद्ध प्रेम श्रीराधा का है नित्य पूर्ण, विभु नित्य अपार। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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राग वसंत - तीन ताल
शुद्ध प्रेम श्रीराधा का है नित्य पूर्ण, विभु नित्य अपार। |