शतानन्द का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है, जो कि विदेह जनक के पुरोहित का नाम था। शतानन्द का जन्म अहल्या के गर्भ से है तथा पिता का नाम गौतम है।[1]
"शतानन्द तब वन्दि प्रभु बैठे गुरु पहँ जाय"[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 487 |