वे सइयाँ मेरी रैनि विदा होन लागी -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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राग रामकली




वे सइयाँ मेरी रैनि विदा होन लागी।
घटि गई ज्योति मंद भए तार फूल वासना दिसि पागी।।
सोरह सिंगार बतीस आभरन अपने प्रीतम सँग जागी।
'सूरदास' प्रभु तुम्हरे मिलन कौ कृष्न हमारे अनुरागी।। 43 ।।

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