विषय सूची
श्रीवृन्दावन महिमामृतम् -श्यामदास
चतुर्थं शतकम्
प्रफुल्लित दिव्य मल्लिका, लवंग, जाति, यूथिका, कदम्ब अनेक, चम्पक एवं स्थलपद्म समूह शिरीष, कुन्द, केतकी तथा केशू आदि मनोहर माधवीलतादि अनन्त पुष्पलता समूह ।।102।।
प्रियंग, नागकेशर, अशोक, कर्णिकार एवं प्रफुल्लित माधवीलता, नव मल्लिका, स्वर्ण-युथिका आदि नानाविध झिण्टिका, सुगन्धित बन्धूक-पुष्प तथा प्रफुल्लित हयारि, कुब्जक आदि पुष्पमयवृक्षों से (यह श्रीवृन्दावन) सुसज्जित हो रहा है।।103।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज