विष

विष का अर्थ है, ऐसा कोई प्राणनाशक पदार्थ जो थोड़ी मात्रा में भी शरीर में पहुँचने पर भीषण रोग या दोष उत्पन्न कर सकता हो, जिससे व्यक्ति मर जाए या बहुत पीड़ित हो। उसे 'विष' कहा जाता है, जैसे- साँप का विष।

  • यमुना में कालिय नाग का एक कुण्ड था। उसका जल विष की गर्मी से खौलता रहता था। यहाँ तक कि उसके ऊपर उड़ने वाले पक्षी भी झुलसकर उसमें गिर जाया करते थे। उसके विषैले जल की उत्ताल तरंगों का स्पर्श करके तथा उसकी छोटी-छोटी बूंदें लेकर जब वायु बाहर आती और तट के घास-पात, वृक्ष, पशु-पक्षी आदि का स्पर्श करती, तब वे उसी समय मर जाते थे। श्रीकृष्ण ने देखा कि कालिय नाग के विष का वेग बड़ा प्रचण्ड है और वह भयानक विष ही उसका महान बल है तथा उसके कारण मेरे विहार का स्थान यमुना भी दूषित हो गई है। इसीलिए एक दिन अपने सखाओं के साथ गेंद खेलते हुए कृष्ण ने अपने सखा श्रीदामा की गेंद यमुना में फेंक दी। अब श्रीदामा गेंद वापस लाने के लिए कृष्ण से जिद करने लगे। सब सखाओं के समझाने पर भी श्रीदामा नहीं माने और गेंद वापस लाने के लिए कहते रहे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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