'विद्यारंभ संस्कार' का संबध उपनयन संस्कार की भाँति गुरुकुल प्रथा से था, जब गुरुकुल का आचार्य बालक को यज्ञोपवीत धारण कराकर, वेदाध्ययन कराता था।
- गुरुजनों से वेदों और उपनिषदों का अध्ययन कर तत्त्वज्ञान की प्राप्ति करना ही इस संस्कार का परम प्रयोजन है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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