लौकिक भोग काम है -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

प्रेम तत्त्व एवं गोपी प्रेम का महत्त्व

Prev.png
राग भैरवी - ताल कहरवा


लौकिक भोग-काम है-छोटे-बड़े सभी पापों का मूल।
प्रेम-कामना शुद्ध करो, कर भोग-कामना को निर्मूल॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः