रौरव

रौरव हिन्दू मान्यताओं तथा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भूमि के नीचे जो पाँच भयानक नरक हैं, उनमें से एक है।


उमा ने पूछा- "भगवन! महेश्वर! नरकों में पापियों को किस प्रकार दण्ड दिया जाता है? वे भयानक नरक कितने और कैसे हैं?"

श्रीमहेश्वर ने कहा- "भामिनि! तुमने जो पूछा है, वह सब सुनो। पापाचारी प्राणियों के लिये भूमि के नीचे जो भयानक नरक बनाये गये हैं, वे मुख्यतः पाँच माने गये हैं। उनमें पहला रौरव नामक नरक है, जिसकी लंबाई सौ योजन है। उसकी चैड़ाई भी उतनी ही है। वह तमोमय नरक पाप के कारण प्राप्त होने वाली पीड़ाओं से परिपूर्ण है। उससे बड़ी दुर्गन्ध निकलती है, वह कठोर नरक क्रूर स्वभाव वाले कीटों से भरा हुआ है। वह अत्यन्त घोर, अवर्णनीय और सर्वथा प्रतिकूल है। पापी उस नरक में सुदीर्घकाल तक खड़े रहते हैं। वहाँ सोने और बैठने की सुविधा नहीं है। विष्ठा की दुर्गन्ध में सने हुए उन पापियों को वहाँ के कीड़े खाते रहते हैं। ऐसे विशाल नरक में वे जब तक रहते हैं, उद्विग्न भाव से खड़े रहते हैं। साधारण यातनाओं की अपेक्षा नरक में दस गुना दुःख होता है। शुभेक्षणे! वहाँ आत्यन्तिक दुःख की प्राप्ति होती है। पापी जीव चीखते-चिल्लाते और रोते हुए वहाँ की यातनाएँ भोगते हैं। वे दुःखों से छुटकारा पाने के लिये चारों ओर चक्कर काटते हैं, परंतु कोई भी उन्हें जानने वाला वहाँ नहीं होता। उस दुःख में तनिक भी अन्तर नहीं होता और न उसे छुड़ाने वाला ज्ञान ही उपलब्ध होता है।"

  • पृथ्वी के नीचे जो पाँच भयानक नरक माने जाते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं-
  1. रौरव
  2. महारौरव
  3. कण्टकावन
  4. अग्निकुण्ड
  5. पंचकष्ट


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 145 भाग-32

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