मीराँबाई की पदावली
अपना मार्ग
राग मालकोस
मैं अपणे सैया सँग साँची ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सैयाँ = स्वामी, प्रियतम। परगट है = खुलकर। काहेकी = कैसी। ( देखो - ‘मेोहन लाल के रँग राची।.... यह जिय जसहु भले सिर ऊपर, हौं नु प्रगट ह्रै नाची, - हित हरिवंश )। वेधि...ह्नैगो = भीतर प्रवेश कर गया। गुह = गुह्म, गूढ़। गाँसी = तीर व बछीं की नोक अथवा भेद की बात। वेधि... गाँसी ज्ञान की भेद भारी वा रहस्यमयी बात अंतरात्मा तक प्रवेश कर गई। आन = आकर। मधुमासी = मधुमक्खियाँ। जगहाँसी = लोकलाज।
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