वर्ष गणना के जैसे कई भेद हैं, वैसे ही मास गणना के भी चार भेद हैं-
- सौर,
- सावन,
- चन्द्र और
- नक्षत्र।
इनमें से नक्षत्र और सावन मास विशेषत: वैदिक कार्यों में देखे जाते हैं। सौर एवं चन्द्र मासों का व्यवहार लोक में चलता है। इनमें भी सौर मास खगोल एवं भूगोल से सम्बन्ध रखने वाले हैं। ये क्षय-वृद्धि से रहित तथा गणना रखने में सुगम हैं। इनके नाम भी आकाशीय नक्षत्रों के अनुसार हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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