माधौ, तहाँ बुलाई राधे -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग सारंग


माधौ, तहाँ बुलाई राधे, जमुना निकट सुसीतल छहियाँ।
आछी नीकी कुसुंभी सारी गोरै, तन, चलि हरि पिय पहियाँ।।
दूती एक गई मोहिनि पै, जाइ कह्यौ यह प्यारी कहियाँ।
'सूरदास' सुनि चतुर राधिका, स्याम रैनि वृंदावन महियाँ।।2793।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः