चतुर्विंश (24) अध्याय: शान्ति पर्व (राजधर्मानुशासन पर्व)
महाभारत: शान्ति पर्व: चतुर्विंश अध्याय: श्लोक 29-34 का हिन्दी अनुवाद
वेदों का ज्ञान पाकर, शास्त्रों का अध्ययन करके, राज्य का अच्छी तरह पालन करते हुए महामना राजा हयग्रीव चारों वर्णां के लोगों को अपने-अपने धर्म में स्थापित करके इस समय देवलोक में आनन्द भोग रहे हैं। राजा हयग्रीव अनेकों युद्ध जीतकर, प्रजा का पालन करके, यज्ञों में सोमरस पीकर, श्रेष्ठ ब्राह्मणों को दक्षिणा आदि से तृप्त करके युक्ति से प्रजाजनों की रक्षा के लिये दण्ड धारण करते हुए युद्ध में मारे गये और अब देवलोक में सुख भोगते हैं। साधु एवं विद्वान् पुरुष उनके स्पृहणीय एवं आदरणीय चरित्र की सदा भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। पुण्यकीर्ति महामना हयग्रीव स्वर्ग लोक जीतकर वीरों को मिलने वाले लोकों में पहुँच कर उत्तम सिद्धि प्राप्त कर ली।'
इस प्रकार श्रीमहाभारत शान्तिपर्व के अन्तर्गत राजधर्मानुशासन पर्व में व्यास-वाक्य-विषयक चौबीसवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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