महाभारत द्रोणपर्व अध्याय 154 श्लोक 38-41

चतुष्पण्चाशदधिकशततम (154) अध्याय: द्रोण पर्व (घटोत्कचवध पर्व)

Prev.png

महाभारत: द्रोणपर्व: चतुष्पण्चाशदधिकशततम अध्याय: श्लोक 38-40 का हिन्दी अनुवाद

जब वह अत्यन्त भयंकर और दारुण रात्रियुद्ध चल रहा था, उस समय क्रोध में भरे हुए पाण्डवों तथा सृंजयों ने द्रोणाचार्य पर एक साथ धावा किया। राजन! जो-जो प्रमुख महारथी द्रोणाचार्य के सामने आये, उस सबको उन्होंने युद्ध से विमुख कर दिया और कितनों को यमलोक पहुँचा दिया। उस प्रदोषकाल में अकेले द्रोणाचार्य ने अपने नाराचों-द्वारा एक हजार हाथी, दस हजार रथ तथा लाखों-करोड़ों पैदल एवं घुड़सवार नष्ट कर दिये।

इस प्रकार श्रीमहाभारत द्रोणपर्व के अंतगर्त घटोत्कचवधपर्व में रात्रियुद्धविषयक एक सौ चौवनवां अध्याय पूरा हुआ।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः