द्विसप्ततितम (72) अध्याय: आदि पर्व (सम्भव पर्व)
महाभारत: आदि पर्व: द्विसप्ततितम अध्याय: श्लोक 14-19 का हिन्दी अनुवाद
ब्रह्मन्! इस प्रकार शकुन्तला मेरी बेटी हुई, आप यह जान लें। प्रशंसनीय शील-स्वभाव वाली शकुन्तला भी मुझे अपना पिता मानती है। शकुन्तला कहती है- 'राजन्! उन महर्षि के पूछने पर पिता कण्व ने मेरे जन्म का यह वृत्तान्त उन्हें बताया था। इस तरह आप मुझे कण्व की ही पुत्री समझिये। मैं अपने जन्मदाता पिता को तो जानती नहीं, कण्व को ही पिता मानती हूँ। महाराज! इस प्रकार जो वृत्तान्त मैंने सुन रखा था, वह सब आपको बता दिया।' |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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