पंचाधिकद्विशततम (205) अध्याय: आदि पर्व (विदुरागमन-राज्यलम्भ पर्व )
महाभारत: आदि पर्व: पंचाधिकद्विशततम अध्याय: श्लोक 22-36 का हिन्दी अनुवाद
अत: आप पत्नी सहित पाण्डवों को हस्तिनापुर चलने के लिये शीघ्र आज्ञा दीजिये। इस विषय में मेरी सम्मति यही है। राजन! जब आप महामना पाण्डवों को जाने की आज्ञा दे देंगे, तब मैं यहाँ से राजा धृतराष्ट्र के पास शीघ्रगामी दूत भेजूंगा और यह संदेश कहला दूंगा कि कुन्ती तथा कृष्णा के साथ समस्त पाण्डव, हस्तिनापुर में आयेंगे। इस प्रकार आदि पर्व के अन्तर्गत विदुरागमनराज्यलम्भ पर्व में विदुर-संवाद विषयक दो सौ पांचवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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