मीराँबाई की पदावली
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गिरधारी लाल
- ↑ गोबिंद
- ↑ ऊंचे ऊंचे महल बनाऊं बिच बिच राखूँ बारो
- ↑ ह्रदे
- ↑ जमुना जी
- ↑ मने = मुझे। चाकर = दास, टहलुवा। रहसूँ = रहूँगी तो। बाग = वाटिका, फलवारी। लगासूँ = लगाऊँगी। नित... यासूं = नित्यशः फलवारी से फूल चुन कर अर्पण करते समय प्रातःकाल में ही दर्शन मिल जाया करे। विन्द्रवन = वृन्दावन। गासूँ = गाऊँगी। चाकरी = वेतन। सुमिरण = नाम स्मरण। खरची = प्रतिदिन के लिए निश्चित खर्चे के रूप में। जागीरी = जागीर के रूप में। सरसी = एक से एक उत्तम हैं वा पूर्ण हो जायँगी। बन्न = वेद वा बाँध, मेड। हरे हरे = हरियाले वा हरे भरे (हरी घासों से आच्छादित )। करणकूँ = करने के लिए। गहिर गँभीरा = शांत वा स्थिर स्वभाव के, बहुत गम्भीर प्रकृति के। रहो... धीरा = धैर्य से रहो, विश्वास रक्खो। दैहैं = देंगे। प्रेम... तीरा = प्रेम भाव के क्षेत्र में पहुँचने पर।
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