भली भई मेरे लालन आए, फूले अंग न आजु समाई।
गाइ बजाइ प्रेम भरि नाचौ, तन-मन-धन मैं देउँ बधाई।।
धनि धनि भाग, सुहाग धन्य, अरु धन्य धन्य अनुराग कन्हाई।
धनि धनि रैन धन्य दिन ऐसौ, धन्य धरी फल धनि मैं पाई।।
धन्य देह धनि गेह सखी री, धनि सिंगार प्रतिबिंब भुलाई।
धनि धनि 'सूर' नैन मूँदे कर, धनि अवलोकनि पिय सुखदाई।।2213।।