भट्ट का उल्लेख ब्रह्म वैवर्त पुराण में हुआ है। ब्रह्म वैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार सूत के वीर्य और वैश्या के गर्भ से एक पुरुष की उत्पत्ति हुई थी, जो अत्यन्त वक्ता था। लोक में उसकी 'भट्ट' [1]संज्ञा हुई थी। वह सभी के लिये स्तुति पाठ करता था।[2]
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