बुद्धि

Disamb2.jpg बुद्धि एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- बुद्धि (बहुविकल्पी)

बुद्धि अर्थात जानने, समझने, विचार करने और निश्चय करने की शक्ति। मति, समझ और अक़्ल।

उदाहरण

'महाभारत सौप्तिक पर्व' में एक स्थान पर अश्वत्थामा कृपाचार्य और कृतवर्मा को उत्तर देते हुए कहते हैं- "मामाजी! प्रत्येक मनुष्य में जो पृथक-पृथक बुद्धि होती है, वही उसे सुन्‍दर जान पड़ती है। अपनी-अपनी उसी बुद्धि से वे सब लोग अलग-अलग संतुष्ट रहते हैं। सभी लोग अपने आप को अधिक बुद्धिमान समझ्‍ते हैं। सबको अपनी ही बुद्धि अधिक महत्त्वपूर्ण जान पड़ती है और सब लोग अपनी ही बुद्धि की प्रशंसा करते हैं। सबकी दृष्टि में अपनी ही बुद्धि धन्यवाद पाने के योग्य ऊँचे पद पर प्रतिष्ठित जान पड़ती है। सब लोग दूसरों की बुद्धि की निन्दा और अपनी बुद्धि की बारंबार सराहना करते हैं। यदि किन्हीं दूसरे कारणों के संयोग से एक समुदाय में जिनके-जिनके विचार मिल जाते हैं, वे एक दूसरे से संतुष्ट होते हैं और बारम्‍बार एक दूसरे के प्रति अधिक सम्मान प्रकट करते हैं। किन्तु समय के फेर से उसी मनुष्‍य की वही बुद्धि विपरीत होकर परस्पर विरुद्ध हो जाती है।"[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत सौप्तिक पर्व अध्याय 3 श्लोक 1-17

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