तुम तक समाचार कैसे भेजूँ?
बड़ी पीड़ा हो रही है!
तुम्ही बताओ कान्हा!
भला मेरा दिमाग खराब हो गया है कि इन लोगों का?
तुम न आ सको तो कम-से-कम
एक पत्र लिखकर
इनको समझा दो कि
मेरा मस्तिष्क ठीक है,
मुझे छोड़ दें।
हाय! यह तो बड़ी दुर्दशा हुई।
स्वतन्त्र थी तब तो
कुंज, यमुना-तट आदि स्थानों में जाकर
कुछ जी बहला लेती थी,
किन्तु अब तो उससे भी गयी।