बाल गोपाल लाल सँग खेलै, मुख मूँदे हिय खोलै।
चिकने चिकुर छूटे बेनी तै, मिले बसन मे डोलै।।
मानौ कुटुंब सहित कालिंदी, काली करत कलोलै।
नासा की बेसरि अति राजति, लागे नग अनमोलै।।
मानौ मदन मंजरी लीन्हे, कीर करत मलगोलै।
'सूरदास' सब चाँचरि खेलै, अपने अपने टोलै।।2857।।