बातै कहत बनाइ बनाइ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग सारंग


बातै कहत बनाइ बनाइ।
रंचक विरह हुतौ इहि गोकुल, मधुकर मेट्यौ आइ।।
कमलनैन मोहन को लीला, रहति रही गुन गाइ।
ओछी पूँजी हरै जु तस्कर, रक मलै पछिताइ।।
भली करी हमकौ लै आए, पठए जोग सिखाइ।
'सूरदास' स्वामी यह घाली, निरगुन कथा सुनाइ।।3793।।

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