परम गुरु राम मिलावनहार -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

वंदना एवं प्रार्थना

Prev.png
राग आसावरी - ताल धुमाली


परम गुरु राम मिलावनहार।
अति उदार, मञ्जुल, मंगलमय, अभिमत-फलदातार॥
टूटी-फूटी नाव पड़ी मम भीषण भव-नद-धार।
जयति-जयति जय देव दयानिधि! बेग उतारो पार॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः