टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भरत
- ↑ लिखिही=लिखिही। धरत=पकड़ते ही, हाथ में लेते ही घर्राई= जोरों से धड़कने लगता है। झर्राई= वेग के साथ आँसू बहा है। थर्राई= थर थर कांप रहा है।
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