मीराँबाई की पदावली
स्पष्ठोक्ति राग पीलू
पग घुँघरू बाँध मीरा नाची, रे ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पग = पैरों में। मेरे = अपने। नारायण = प्रियतम कृष्ण। आपहि = स्वयं, अपनी। न्यात = नातेदार, संबंधी। कुलनासी = कुल में कलंक लगाने वाली। हाँसी = हँसी, प्रसन्न रही। सहज = सुगमता के साथ।
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