नैन करे सुख, हम दुख पावैं -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बिलावल


नैन करे सुख, हम दुख पावैं।
ऐसौ को पर बेदन जानै, जासो कहि जु सुनावै।
तातै मौन भलौ सबही तै, कहि कै मान गँवावै।
लोचन, मन, इंद्री हरि कौ भजि, तजि हमकौ सुख पावै।।
वै तौ गए आपने कर तै, वृथा जीव भरमावै।
'सूर' स्याम है चतुर सिरोमनि, तिनसौ भेद जनावै।।2256।।

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