मीराँबाई की पदावली
विरहयातना
राग पहाड़ी
नींदलड़ी नहिं आवै सारी रात, किस विधि होइ परभात ।।टेक।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नींदलड़ी = नींद। परभात = सबेर। चमक = चौंक। चंद्र कला = चाँदनी।
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