पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार
अभिलाषा
राग भैरवी - ताल कहरवा
नहीं मान-धन, कीर्ति-भोग की, नहीं मोक्ष की किंचित चाह। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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राग भैरवी - ताल कहरवा
नहीं मान-धन, कीर्ति-भोग की, नहीं मोक्ष की किंचित चाह। |