देखा करूँ तुम्हारी लीला -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

अभिलाषा

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राग शिवरञ्जना - ताल कहरवा


 
देखा करूँ तुम्हारी लीला, गाया करूँ तुम्हारा नाम।
सुना करूँ नित मुरली की धुन, वचन तुम्हारे परम ललाम॥
नेत्र-मधुप नित करें तुम्हारे वदन-कमल-मधु-रस का पान।
पूर्ण समर्पित हो जायें इन्द्रिय-तन, मन-मति, जीवन-प्रान॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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