तोसे मिलहौं, हे राधिके! -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्री कृष्ण के प्रेमोद्गार

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राग सारंग - तीन ताल


तोसे मिलहौं, हे राधिके!
रहे कैसे एक छिन हूँ प्राण तुम बिन दीन, राधिके॥
रहे कैसे अग्रि जीवित दहन-शक्ति-विहीन राधिके।
रहे सूरज-चाँद कैसे प्रभा-‌आभा-हीन राधिके॥
सत्त भगवत्त बिना भगवान जीवनहीन राधिके।
ज्यों परस जहँ, स्याम-जीवन राधिका आधीन राधिके॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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