मीरा माधव तेरा कोई नहिं रोकणहार, मगन होय मीराँ चली। (टेर) लाज सरम कुल की मरजादा, सिर से दूर करी। मान अपमान दोऊ धर पटके, निकली हूँ ज्ञान गली।।1।। ऊँची अटरिया लाल किंवड़िया, निरगुण सेज बिछी। पचरंगी झालर सुभ सोहै, फूलन फूल कली।।2।। बाजूबन्द कड़ूला सोहे, माँग सिंदूर भरी। सुमिरन थाल हाथ में लीन्हाँ, सोभा अधिक भली।।3।। सेज सुखमणा मीराँ सोवै, धन सुभ आज घरी। तुम जावो राणा घर अपने, मेरी तेरी नाहिं सरी।।4।।[1] राग - माड वा सोरठ : ताल - दादरा(रहस्य प्रेम) टीका टिप्पणी और संदर्भ ↑ लीन्हाँ = लिया. घरी = घड़ी संबंधित लेख मीरा माधव (संपादक- नन्दकिशोर आचार्य) क्रमांक पद राग / ताल 1. अपणा गिरधर कै कारणै सोरठ वा झँझोटी वा माड 2. अब कोऊ कछु कहो दिल लागा रै जंगलो पीलू / तिताला 3. अब तो मेरा राम नाम झँझोटी / दादरा 4. अब नहिं जाने दूँ गिरधारी पीलू / कहरवा 5. अब नहिं मानांला म्हे थारी झँझोटी / कहरवा 6. अब नाँ रहूँगी श्याम अटकी काफी / जैत 7. आज्यो आज्यो गोविन्दा म्हारै म्हैल काफी / कहरवा 8. आली री मेरे नयनन बान पड़ी बिहाग / दीपचन्दी 9. आवो आवो जी रँगभीना म्हारै म्हैल सारंग / कहरवा 10. इन सरवरिया री पाल माड / दीपचन्दी 11. एक विरियाँ मुख बोलो रे पीलू बरवा / धीमा तिताला 12. एरी मैं खड़ी निहारूँ बाट सोरठ (मल्हार) / कहरवा 13. ऐसै जन जानन दीजै हो माड वा सोरठ / तिताला 14. ओढूँ लज्या चीर काफी / कहरवा 15. ओळूँ थारी आवै हो महाराजा अबिनासी सोहनी वा विहागड़ो / तिताला 16. कछु लेना न देना मगन रहना बिलावल / कहरवा 17. करना फकीरी क्या दिलगीरी भैरवी / तिताला 18. कर्म की गत न्यारी सोहनी / तिताला 19. कवन गुमान भरी बिहाग / दीपचंदी 20. कहाँ बसियो कान्हा रातरली कालिंगड़ा / कहरवा 21 कहो ने जोशी राम मिलण कब होसी काफी / कहरवा 22. कुण बाँचै पाती झंझोटी / कहरवा 23. कोई कहियौ रे प्रभु आवन की आसावरी / कहरवा 24. कोई दिन याद करोगे - 25. क्यूँ कर म्हे दिन काटाँ माड व सोरठ / कहरवा 26. गली तो चारों बन्द हुई काफी / जैत 27. गिरधर म्हारा साँचा पति छै घूमर / कहरवा 28. गोपाल रंग राची सारंग / कहरवा 29. गोबिन्द का गुण गास्याँ सोरठा वा काफी / कहरवा 30. गोविन्द सूँ प्रीत करी झिंझोटी / दादरा 31. घड़ी एक नहिं आवड़े सोरठा वा काफी / कहरवा 32. गोबिन्द का गुण गास्याँ माड / तिताला 33. चलाँ वाही देस प्रीतम पावाँ आसावरी / तिताला 34. चालो मन गंगा जमुना तीर भैरवी सिन्ध / तिताला 35. जब के तुम विछुरे प्रभु मोरे कबहु न पायो चैन - 36. जहर दियो म्हे जाणी सोरठा वा वागेश्वरी /तिताला 37. जाबा दे री जाबा दे भैरवी / धीमा तिताला 38. जो तुम तोड़ो पिया मैं नहिं तोड़ूँ पीलू / दीपचन्दी 39. जोगिया मैं कहज्यो जी आदेस पहाड़ी / दादरा 40. जोगिया सों प्रीत कियाँ दुख होय बिहाग / तिताला 41.. जोगियो आँणि मिल्यो अनुरागी कालिंगड़ा / कहरवा 42. जोगी आ जा आ जा भैरव / तिताला 43. तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर सोरठ वा तिलंग / धीमा तिताला 44. तुम बिन स्याम सुने कौ मेरी कालिंगड़ा / धमाल 45. तेरा कोई नहिं रोकणहार माड वा सोरठ / दादरा 46. तेरो मरम नाहिं पायो कालिंगड़ा / कहरवा 47. तै दरद नहिं जान्यूँ काफी / दीपचंदी 48. तैं मेरी गैंद चुराई तैं मेरी गैंद चुराई -मीराँबाई 49. थाँने काँई काँई कह समझाऊँ माड / कहरवा 50. दरस बिन दूखन लागे नैन खमाच विहाग / धीमा तिताला 51. धूतारा जोगी एका सूँ हँसि बोल भैरव / कहरवा 52. नहिं ऐसा जन्म बारम्बार सोरठा / रूपक 53. नहिं ऐसो जनम बारम्बार - 54. नहीं जाऊँ सासरै माई खमाच वा सोरठ वा काफी वा माड / कहरवा 55. नैनन बनज बसाऊँ री - 56. पग घुँघुरू बाँध मीरा नाची, रे 57. पपीया रे पीव की बानी न बोलि देश मल्हार / झूमरा 58. पानी में मीन प्यासी जोगिया / दीपचन्दी 59. पायो जी मैं तो राम रतन धन पायो आसा / कहरवा 60. पायो म्हारो ईडूँणी को चोर सोरठ / कहरवा 61. पिया इतनी बिनती सुन सुन मोरी कालिंगड़ा / कहरवा 62. पिया बिन सूनूँ सारो देस आसावरी / धीमा तिताला 63. पिया मोहि दरसण दीजै हो कालिंगड़ा / कहरवा 64. पिरथिवी मायाजाल मैं पड़ी माड वा मारू / दादरा 65. फागुन के दिन चार रे, होरी खेल मना रे काफी / दीपचन्दी 66. बड़े घर ताली लागी रे, म्हारा मण री उणारथ भागी रे कामोद / कहरवा 67. बरजी मैं काहू की नारि रहूँ बिहाग / दीपचन्दी 68. बरसे बदरिया सावन की बहार / तिताला 69. पिया बिन सूनूँ सारो देस आसावरी / धीमा तिताला 70. बसो मेरे नैनन में नँदलाल जोनपुरी / कहरवा 71. बाटड़ली निहारुँ जी मैं हारी ठाडी ठाडी कालिंगड़ा / कहरवा 72. बादल देख डरी हो देश मल्हा / कहरवा 73. बाल्हा मैं वैरागिण हूँगी हो सोरठ / कहरवा 74. बैद को सारो नाँहि रे माई झंझोटी / कहरवा 75. भज मन चरन कँवल अबिनासी भैरवी / तिताला 76. भरमायो म्हारो मारूड़ो काफी / कहरवा 77. भोलानाथ दिगम्बर ये दुख मेरो हरो रे भैरवी / तिताला 78. मत डारो पिचकारी मैं सगरी भीज गई सारी काफी / दीपचन्दी 79. मन की मैल हिय तैं न छूटी सोरठ / रूपक 80. मन मेरे परसि हरि के चरन परज / रूपक 81. मन रे परस हरि के चरण जोनपुरी / रूपक 82. माई मेरी हरि न बूझी बात बिहाग सोरठ / रूपक 83. माई मैं तो गिरधर के रँग राची जोनपुरी / इकताला 84. माई मैं तो लियो है साँवरियो मोल काफी वा पहाड़ी / दीपचन्दी 85. माई म्हाँने मिलिया छै मित्र गोपाल काफी / दीपचन्दी 86. माई म्हाँने सुपना में परणी गोपाल तीलंग / कहरवा 87. माई म्हारै निरधन रो धन राम काफी / जत 88. माई री मैं तो लीनो गोविन्दो मोल माड / दीपचन्दी 89. मारत मेरे नैन में पिचकारी पीलू बरवा / कहरवा 90. मीराँ मन मानी सुरत सैली असमानी कालिंगडा / कहरवा 91. मीराँ रंग लाग्यो हो नाँम हरी धनाश्री / कहरवा 92. मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई झंझोटी / दादरा 93. मेरे तो येक राम नाम दूसरा न कोई झंझोटी / दादरा 94. मेरे राणाजी मैं गोबिन्द गुण गाना भैरव / कहरवा 95. मैं अपने सैय्याँ सँग साँची बहार / तिताला 96. मैं अमली हरिनाँव की मुझि बाइड आवै आसावरी वा आसा / कहरवा 97. मैं गिरधर के घर जाऊँ - 98. मैं तेरै रंग राती गुसँइयाँ आसावरी / तिताला 99. मैं तो छुप गई लाज की मारी आसा-माड / दीपचन्दी 100. मैं तो साँवरे रंग राची मालकोश / तिताला 101. मैं तो हरि चरणन की दासी नट / पश्तो 102. मैं तौ सुमरया छे मदनगोपाल सारंग / कहरवा 103. मोरी ज्यान मोहोब्बत लगाई रे काफी वा घूमर / कहरवा 104. मोहन आवन की कोई कीजो रे कालिंगड़ा / कहरवा 105. मोहे लागी लगन गुरु-चरनन की हमीर / तिताला 106. म्हाँने बोल्याँ मति मारो जी राणाँ माड / कहरवा 107. म्हारा ओलगिया घर आया जी हमीर / तिताला 108. म्हारा जनम मरण का साथी सारंग रसिया / कहरवा 109. म्हारा सतगुर बेगा आज्योगी माड / कहरवा 110. म्हारी सेजड़ल्याँ रँग माणूँजी माड 111. म्हारे गैल परयो गिरधारी हे माय काफी, घूमर / कहरवा 112. म्हारै घर होता जाज्यो राज सोरठ, तिलक - कामोद / दीपचन्दी 113. म्हारै नैणाँ आगे रहीजो जी काफी, माड / झूमरा 114. यो तो रंग धत्ताँ हि लाग्यो हे माय सारंग घूमर / कहरवा 115. रघुनन्दन आगे नाचूँगी झंझोटी वा गन्धारी टोडी / तिमाला 116. रमइया बिनि यो जिवड़ौ दुख पावै तिलंग / तिलंग 117. रमस्याँ सादूड़ाँ री लार बरवा वा सोरठ / तिताला ठाह 118. रमैया बिन नींद न आवै, प्रेम की आँच ढुलावै काफी / दीपचन्दी 119. रमैया मैं तो थारे रँग राती आसावरी / दीपचन्दी 120. राणा जी म्हें तो गोबिन्द का गुण गास्याँ - 121. राणाँजी कर्मां रो सँगाती मारू / एकताला 122. राणाँजी तें जहर दियो मैं जाणी वागेश्वरी, कानड़ा / तिताला 123. राणाँजी मैं साँवरे रँग राची आसावरी वा सोरठ / दीपचन्दी 124. राणाँजी म्हारी प्रीत पुरबली मैं क्या करूँ आसा माड / कहरवा 125. राणाँजी म्हारो काँई करसी सारंग / कहरवा 126. राणाँजी म्हे तो गिरधर रा गुण गास्याँ सारंग / कहरवा 127. राणाँजी हूँ अब न रहूँगी तोरी हटकी काफी / दीपचन्दी 128. राणाँजी हूँ तो गिरधर कै मन भाई माड / कहरवा 129. राणोंजी मेवाड़ो म्हारो काईं करसी काफी / दादरा 130. राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर जागी री भीम पलासी / तिताला 131. राम रँग लाग्यो बिहाग / कहरवा 132. राम रतन धन पायो मैया सारंग घूमर / कहरवा 133. वै न मिले जिनकी हम दासी देश / कहरवा 134. शिवशंकर मोपे कृपा कीज्यो सोरइ / कहरवा 135. श्याम बजावत बीणाँ विहाग / दीपचन्दी 136. श्याम म्हाँनै चाकर राखो जी भैरवी / कहरवा 137. श्री गिरिधर आगे नाचूँगी मालकोस / तिताला 138. सखी अपणाँ स्याँम खोटा सोरठ / कहरवा 139. सखी तैने नैना गमाय दिया रोय कालिंगड़ा / कहरवा 140. सखी मोहे लाज बैरन भई विहाग / रूपक 141. सखी री मेरी नींद नसानी हो विहाग / कहरवा 142. सखी री मैं तो गिरधर के रंग राती आसावरी / दीपचन्दी 143. सजन बेगा घर अइए हो काफी / कहरवा 144. सजन सुध ज्यों जानों त्यों लीज्यो केदारा / तिताला 145. सतगुर म्हारा प्रीत निभाज्यो जी देस / कहरवा 146. सहेलियाँ साजन घर आया हो परज / कहरवा 147. साँवरा बिन नींद न आवै काफी / दीपचन्दी 148. साँवरा सूँ मिलना जरूर झँझोटी / धीमा 149. साँवरिया म्हारी प्रीतड़ली तो न्हिमाज्यो सोरठ : ताल - कहरवा 150. साँवरियो म्हाँनै भाँग पिलाई काफी / दीपचन्दी 151. साँवरे की दृष्टि मानों प्रेम की कटोरी है जैजैवंती / कहरवा 152. साँवरे दी भालन माये सानू प्रेम दी कटारियाँ देश / दादरा 153. साँवरे रँग राची कालिंगड़ा / कहरवा 154. साधो मैं बैरागण हर की आसावरी / दीपचन्दी 155. सावण दे रह्यो जोरा रे मल्हार / कहरवा 156. सुण लीज्यो बिनती मोरी जोगिया / कहरवा 157. सुनी मैं हरि आवन की आवाज विहाग, सोरठा, मल्हार / धीमा 158. सूरत दीनानाथ से लगी माड / दीपचन्दी दादरा 159. सेजड़ली’र सुधार गिरधर आँवणाँ ये बिलावल / कहरवा 160. सोवत ही पलका में मैं तो असावरी / दीपचन्दी 161. सौ पर एक घड़ी प्रभाती / धीमा तिताला 162. स्याम मोसूँ ऐंडो डोले हो सिन्दूरा / धमार 163. हमारे मन राधा स्याम बसो भैरवी / कहरवा 164. हरि तुम काहे को प्रीत लगाई तिलंग / धीमा तिताला 165. हरि तुम हरो जन की पीर गिरनारी सोरठ / दीपचन्दी 166. हरि बिन कूँण गती मेरी देश / रूपक 167. हरि मेरे नयनन में रहियो सारंग / कहरवा 168. हरि से गरब किया सोई हारा जंगला-जोगिया आसावरी / दीपचन्दी वा कहरवा 169. हरिजी सों मिलना कैसे होय सोरठ / कहरवा 170. हे ओ सहिया हरि मन काठ कियो सोरठ / तिताला 171. हे री मैं तो दरद दिवानी काफी / दीपचन्दी 171. हे री मैं तो दरद दिवानी काफी / दीपचन्दी 172. हेली म्हाँसूँ हरि बिन रह्यो न जाय सोरठा / तिताला 173. हो जी हरि कित गये नेह लगाय विहाग / धीमा तिताला 174. होरी खेलत है गिरधारी काफी / दीपचन्दी 175. होली पिय बिन मोहि न भावै काफी / सिन्दूरा 176. होली पिया बिन लागै खारी, सुनो री सखी, मेरी प्यारी सिन्दूरा / धमार व दीपचन्दी वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः