मीराँबाई की पदावली
विरह निवेदन राग अलैया
तूँ नागर नंदकुमार, तोसों लाग्यो नेहरा ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नागर = चतुर, सभ्य, रसिक। तोसें = तुझसे। नेहरा = नेह, प्रेम। ग्रिहव्यौहार = घर का काम काज। तैं = से। पारधि = व्याध। बेधि दई = तीर मार दिया। जाणई = जानता, समझा। सुभाइ = स्वभाव से ही।
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