तुम्हरे पूजियै पिय पाइ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग विभाष


तुम्हरे पूजियै पिय पाइ।
बहुत बात उपजति है तुमकौ, कहत बनाइ बनाइ।।
अधरा अरुन स्याम भए कैसै, आए पट पलटाइ।
चारु कपोल पीक कहँ लागी, उरज पत्र लिखवाइ।।
नंदकुमार जहाँ निसि जागे, तहँ सुख देखौ जाइ।
'सूरदास' सब भाँति अटपटी, अब मन क्यो पतियाइ।।2678।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः