टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बरसै
- ↑ झुक गई = जल से भरी होने के कारण नीचे तक चली आई।। उँमग्यो = उमंगों से भर आया। भनक = उड़ती हुई ख़बर। दामण = दामिनी, बिजली। दमक = चमक। झर... की = झड़ लगा देने वाली। नन्हीं...बूँदन = झींसियों वा फुहारों के रूप में। मेहा = वर्षा। गावन की = गवाने वाली।
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