जीवन को संगीत बना दो।
मेरी हृत्तन्त्री के तारों से सबको मधु तान सुना दो॥
मेरे जीवनके मधु-रससे सबके जीवनको सरसा दो।
मेरी हँसी सुख-भरी से तुम सबको हे! दुखमध्य हँसा दो॥
सबके दुख में मेरे सुख को धन्य बनाकर नाथ! मिला दो।
निज पद-कमल-सुधा-रस-सरिता-तटपर सबको स्थान दिला दो॥