जय राधे, जय जय राधे -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा कृष्ण जन्म महोत्सव एवं जय गान

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राग जंगला - ताल कहरवा


जय राधे, जय जय राधे।
जय राधे, जय जय राधे॥
रावल में छायौ आनंद।
प्रगटी राधा आनँद-कंद॥-जय०
नंदीसुर तें आये नंद।
लीन्हे सँग उपनंद, सनंद॥-जय०
जसुदा मैया रोहिनि संग।
दा‌ऊ-कान्हा लिये उछंग॥-जय०
रैंदा-पैंदा, तोक-सुदाम।
मधुमंगल, मनसुख, सुखराम॥-जय०
दधि-माखन कौ लै उपहार।
पहुँचे सब सज-सज सिंगार॥-जय०
नृप बृषभानु मुदित भ‌ए देख।
स्वागत कर मन हरष बिसेष॥-जय०
जसुदा-रोहिनि भीतर जाय।
मिली कीर्तिदा अति हरषाय॥-जय०
लाली कौं अति लाड़ लड़ात।
जसुदा-मन नहिं मोद समात॥-जय०
लाला के मुख मोद अपार।
निरख करत सब जै-जैकार॥-जय०

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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