जग में जीवणा थोड़ा -मीराँबाई

मीराँबाई की पदावली

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जग में जीवणा थोड़ा, राम कुण कह रे जंजार ।।टेक।।
मात पिता तो जन्म दियो है, करम दियो करतार।
कहरे खाइयो कइरे खरचियो, कइरे कियो उपकार।
दिया लिया तेरे संग चलेगा, और नहीं तेरी लार।
मीरां के प्रभु गिरधर नागर, भज उतरे भ पार ।।196।।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जीवणा = जीवनकाल। थोड़ा = बहुत अल्प है। कुण = क्यों न। जंजार = जंजाल वा प्रपंचों के पडत्र प्राणी अथवा नर पशु। कइ = क्या। लार = साथ, संबंध।

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