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मूल फ़ाइल (1,440 × 2,783 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 2.01 MB, माइम प्रकार: image/jpeg)
विवरण (Description) | 'चैतन्य महाप्रभु मन्दिर', गोवर्धन, मथुरा Chetanya Mahaprabhu Temple, Govardhan, Mathura |
दिनांक (Date) | वर्ष - 2010 |
प्रयोग अनुमति (Permission) | © bharatkosh.org |
अन्य विवरण | चैतन्य महाप्रभु भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने वैष्णवों के 'गौड़ीय संप्रदाय' की आधारशिला रखी थी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में हिन्दू मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृन्दावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया। |
फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगूठाकार प्रारूप | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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सद्य | 19:12, 7 जुलाई 2015 | 1,440 × 2,783 (2.01 MB) | रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) |
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फ़ाइल का उपयोग
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