चित्र:Arjuna-and-Vasudeva.jpg

मूल फ़ाइल(1,178 × 1,642 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 456 KB, माइम प्रकार: image/jpeg)


चित्र जानकारी
विवरण (Description) वसुदेव जी अर्जुन को यादव-विनाश का वृत्तान्त और श्रीकृष्ण का संदेश सुना हुए।
आभार (Credits) [गीता प्रेस गोरखपुर]
अन्य विवरण अर्जुन के मुख से श्रीकृष्ण के स्वधाम गमन और सम्पूर्ण यदुवंशियों के नाश का समाचार सुनकर युधिष्ठिर ने तुरन्त अपना कर्तव्य निश्चित कर लिया और अर्जुन से बोले- "हे अर्जुन! भगवान श्रीकृष्णचन्द्र ने अपने इस लौकिक शरीर से इस पृथ्वी का भार उतार कर उसे इस प्रकार त्याग दिया, जिस प्रकार कोई काँटे से काँटा निकालने के पश्चात उन कोनों काँटों को त्याग देता है। अब घोर कलियुग भी आने वाला है। अतः अब शीघ्र ही हम लोगों को स्वर्गारोहण करना चाहिये।” जब माता कुन्ती ने भगवान श्रीकृष्णचन्द्र के स्वधाम गमन का समाचार सुना तो उन्होंने श्रीकृष्णचन्द्र में अपना ध्यान लगाकर शरीर त्याग दिया।



फ़ाइल का इतिहास

फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।

दिनांक/समयअंगूठाकार प्रारूपआकारसदस्यटिप्पणी
सद्य18:18, 26 मई 201618:18, 26 मई 2016 के संस्करण का अंगूठाकार प्रारूप।1,178 × 1,642 (456 KB)दीपिका वार्ष्णेय (वार्ता | योगदान)
  • आप इस फ़ाइल को अधिलेखित नहीं कर सकते।

निम्नोक्त पृष्ठ में इस फ़ाइल के लिंक्स हैं:

मेटाडाटा