चालां वाही देस प्रीतम -मीराँबाई

मीराँबाई की पदावली

Prev.png
राग देस





चालां वाही देस प्रीतम, चालां वाही देस ।। टेक ।।
कहो कसूमल साड़ी रँगावां, कहो तो भगवां भेस ।
कहो तो मोतियन मांग भरावां, कहो छिटकावां केस ।
मीरां के प्रभु गिरधर नागर, सुणज्यो बिड़द नरेस ।।153।।[1]




Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. चालां = चल। बाही = उसी। कसूमल = कसुंवी वा कुसुम के रंग की, लाल। रँगावां = रँगाले। भरावाँ = भरालें, सजालें। छिटकावाँ = बिखरा दें। सुणज्यो = सुन लीजिये। विड़द = बिरद, प्राण निश्चय। नरेस = राजा, प्रियतम।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः